ट्रांसफार्मर ऑयल का डीजीए परीक्षण एक महत्वपूर्ण विश्लेषण
डीजीए (डिस्सॉल्व्ड गैस एनालिसिस) परीक्षण ट्रांसफार्मर ऑयल की एक महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक प्रक्रिया है, जिसका उपयोग बिजली वितरण और ट्रांसफॉर्मर उद्योग में किया जाता है। यह परीक्षण हमें ट्रांसफार्मर में आंतरिक समस्याओं की पहचान करने में मदद करता है, जो कि एक महत्वपूर्ण उपकरण है और विद्युत पारेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ट्रांसफार्मर की महत्ता
ट्रांसफार्मर विद्युत ऊर्जा को उच्च वोल्टेज से कम वोल्टेज में या इसके विपरीत परिवर्तित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह उपकरण विद्युत पारेषण और वितरण में अनिवार्य है। हालांकि, ट्रांसफार्मर को ओवरलोडिंग, तापमान में वृद्धि, और अन्य कारकों के कारण नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए, ट्रांसफार्मर के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी आवश्यक है।
डीजीए परीक्षण में ट्रांसफार्मर ऑयल से गैसों का विश्लेषण किया जाता है। जैसे-जैसे ट्रांसफार्मर में समय के साथ समस्याएँ बढ़ती हैं, विभिन्न गैसें उत्पन्न होती हैं। इन गैसों में हाइड्रोजन, मीथेन, एथिलीन, एसीटिलीन, और कार्बन डाइऑक्साइड शामिल हैं। ये गैसें ट्रांसफार्मर के भीतर होने वाले रासायनिक प्रतिक्रियाओं का संकेत देती हैं, जो संभावित खराबी की ओर इशारा करती हैं।
डीजीए परीक्षण की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं 1. सैम्पलिंग सबसे पहले, ट्रांसफार्मर ऑयल का एक नमूना लिया जाता है। सुनिश्चित किया जाता है कि नमूना सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त हो। 2. गैस विश्लेषण नमूनों में गैसों की मात्रा और प्रकार को मापने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जाता है। ये तकनीकें आमतौर पर गैस क्रोमैटोग्राफी और इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी पर आधारित होती हैं। 3. डायग्नोसिस गैसों की उपस्थिति और उनकी मात्रा का विश्लेषण करके, विशेषज्ञ ट्रांसफार्मर की स्थिति का निर्धारण करते हैं। उच्च स्तर की कुछ गैसें विशेष समस्याओं का संकेत दे सकती हैं, जैसे अति ताप या आर्किंग।
महत्व
डीजीए परीक्षण के कई फायदे हैं। यह हमें समय पर ट्रांसफार्मर की समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है, जिससे महंगे मरम्मत और उधारी की समस्या से बचा जा सकता है। इसके अलावा, यह उपकरण की विश्वसनीयता में सुधार करता है और विद्युत आपूर्ति में निरंतरता सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
ट्रांसफार्मर ऑयल का डीजीए परीक्षण विद्युत उद्योग के लिए एक अनिवार्य प्रक्रिया है। यह न केवल ट्रांसफार्मर के स्वास्थ्य की निगरानी में मदद करता है, बल्कि यह संभावित समस्या क्षेत्रों की पहचान करने में भी सहायक होता है। नियमित डीजीए परीक्षण के माध्यम से, हम ट्रांसफार्मर की दीर्घकालिक कार्यक्षमता और स्थिरता को सुनिश्चित कर सकते हैं। इसलिए, इस परीक्षण को नियमित रूप से करना अत्यंत आवश्यक है ताकि ट्रांसफार्मर के प्रदर्शन में अनियमितताओं और विफलताओं से बचा जा सके।